आजकल ऑनलाइन धोखेबाजी का एक नया तरीका चल रहा है, जहाँ लोग गूगल पर किसी चीज के रिपेयर के लिए नंबर ढूंढते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं. खासकर वॉशिंग मशीन जैसी ज़रूरी चीजों के लिए जब घर पर ही सर्विस चाहिए होती है, तो लोग अक्सर ऑनलाइन ही नंबर खोजते हैं. लेकिन, यहीं पर कुछ चालाक लोग अपना जाल बिछाए बैठे होते हैं.
कैसे होता है ये फ्रॉड?
आपकी वॉशिंग मशीन खराब हो गई है, और आपने गूगल पर “वॉशिंग मशीन रिपेयर” सर्च किया. अक्सर सबसे ऊपर कुछ ऐसे नंबर आते हैं जो दिखने में तो किसी असली सर्विस सेंटर जैसे लगते हैं, लेकिन असल में वे धोखेबाजों के नंबर होते हैं. आप उन पर कॉल करते हैं, और उधर से एक मीठी आवाज़ में आपसे बात की जाती है, आपकी शिकायत दर्ज की जाती है, और फौरन कोई टेक्नीशियन भेजने का भरोसा दिया जाता है.
घर आता है ‘टेक्नीशियन’
कुछ ही देर में एक आदमी आपके घर आता है. वो खुद को कंपनी का ऑथोराइज़्ड टेक्नीशियन बताता है, चाहे आप उससे पूछें भी या न पूछें. आपकी मशीन देखने के बाद, वो झट से कोई पार्ट निकालता है या बताता है कि फलां पार्ट खराब हो गया है और उसे बदलने या रिपेयर करने के लिए एडवांस पेमेंट चाहिए. मशीन खुली पड़ी है, और टेक्नीशियन पूरे कॉन्फिडेंस में है, तो आप भी बिना सोचे-समझे पैसे दे देते हैं.
पैसे लेने के बाद क्या होता है?
कई बार तो एडवांस लेने के बाद वो टेक्नीशियन दोबारा आता ही नहीं. और अगर आता भी है, तो वो ओरिजिनल पार्ट की जगह कोई नकली या घटिया पार्ट लगा देता है और फिर से एक्स्ट्रा पैसे मांगता है. बाद में जब आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ है और आप किसी असली सर्विस सेंटर से चेक कराते हैं, तब पता चलता है कि आप ठगे जा चुके हैं. कई बार तो ठग आपका नंबर ब्लॉक कर देते हैं, और आप कुछ भी नहीं कर पाते.
इन बातों का रखें ध्यान
ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. सबसे पहले, किसी भी अनजाने नंबर पर आँख मूँद कर भरोसा न करें, चाहे वह गूगल पर ही क्यों न दिखे. हमेशा ऑथोराइज़्ड सर्विस सेंटर की ऑफिशियल वेबसाइट से ही नंबर लें. पेमेंट करते समय भी सावधानी बरतें, खासकर अगर कोई टेक्नीशियन एडवांस में बड़े अमाउंट की डिमांड करे. और अगर आपको ज़रा भी शक हो, तो तुरंत कंपनी के असली कस्टमर केयर से संपर्क करें. अपनी मेहनत की कमाई को ऐसे धोखेबाजों से बचाना हमारी ही ज़िम्मेदारी है.
प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma): सरकारी नीतियों और उनके सामाजिक प्रभावों पर ज़बरदस्त पकड़ रखने वाले, प्रदीप शर्मा हमारे मुख्य लेखकों में से एक हैं। वे तो जटिल से जटिल चीज़ों को भी इतनी आसानी से समझा देते हैं.